Janam Maran Ke Saath Ko

Hasrat Jaipuri

जानम मारन के साथ को
कैसे तोड़ा जाए
तिनका हो तो तोड़ दूं
पर प्यार ना तोड़ा जाए
तुम आँखें चुराओ तो क्या
तुम आँखें चुराओ तो क्या
इन आँखों को तुमसे प्यार है
तुम बातें बनाओ तो क्या
तुम बातें बनाओ तो क्या
ये दिल ही जो तुमपे निसार है
तुम आँखें चुराओ तो क्या

दर्द उठा तो दिल भर आया
आया लब पर नाम तुम्हारा
आया लब पर नाम
तुमको चाहे छिन ले दुनिया
याद से हमको काम तुम्हारी
याद से हमको काम एयेए
तुम खुशियाँ मनाओ तो क्या
तुम खुशियाँ मनाओ तो क्या
मेरा उजड़ा हुआ संसार है
तुम आँखें चुराओ तो क्या
इन आँखों को तुमसे प्यार है
तुम आँखें चुराओ तो क्या

कहते कहते दिल का फसाना
डूब चली फरियाद हो
डूब चली फरियाद
जैसे हम बर्बाद हुए हैं
कोई ना हो बर्बाद जहाँ में
कोई ना हो बर्बाद आड़
तुम हँसके मिटाओ तो क्या
तुम हँसके मिटाओ तो क्या
दिल तुम्हारी नज़र का शिकार है
तुम आँखें चुराओ तो क्या
इन आँखों को तुमसे प्यार है
तुम आँखें चुराओ तो क्या
तुम आँखें चुराओ तो क्या

Curiosités sur la chanson Janam Maran Ke Saath Ko de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Janam Maran Ke Saath Ko” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Janam Maran Ke Saath Ko” de Lata Mangeshkar a été composée par Hasrat Jaipuri.

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