Jeevan Ke Do Raahe Pe

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

जीवन के दो-राहे पे खड़े, सोचते हैं हम
जाएँ तो किधर जाएँ
जाएँ तो किधर जाएँ
ताने है दिल इधर को तो, खींचें उधर क़दम
जाएँ तो किधर जाएँ
जाएँ तो किधर जाएँ
जीवन के दो-राहे पे खड़े, सोचते हैं हम

हर मोड़ पे देता है ये संसार दुहाई
संसार दुहाई
हर गाम पे देता है मेरा प्यार दुहाई
प्यार दुहाई
इस रास्ते में मंदिर हैतो उस रास्ते धरम
जाएँ तो किधर जाएँ
जाएँ तो किधर जाएँ
जीवन के दो-राहे पे खड़े, सोचते हैं हम

दीवानगी ऐसी कि न था होश किसीका
होश किसीका
परदेसियों से पूछा पता घर की गली का
घर की गली का
अब होश में आने पे है बेहोशियों का ग़म
जाएँ तो किधर जाएँ
जाएँ तो किधर जाएँ
ताने है दिल इधर को तो, खींचें उधर क़दम
जाएँ तो किधर जाएँ
जाएँ तो किधर जाएँ
जीवन के दो-राहे पे खड़े, सोचते हैं हम

Curiosités sur la chanson Jeevan Ke Do Raahe Pe de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Jeevan Ke Do Raahe Pe” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Jeevan Ke Do Raahe Pe” de Lata Mangeshkar a été composée par SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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