Kahan Le Chale Ho Bata Do Musafir

KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan

कहाँ ले चले हो बतादो मुसाफ़िर
सितारों से आगे ये कैसा जहाँ है
खयालों की मंजिल ये ख्वाबों की महफ़िल
समझ में ना आये ये दुनिया कहाँ है

कहाँ रह गये क़ाफ़िलें बादलों के
ज़मीन छुप गयी है तले बादलों के
है मुझको यक़ीं के है जन्नत वहीं
ये अजब सी फ़िज़ा है अजब ये समा है
कहाँ ले चले हो बतादो मुसाफ़िर
सितारों से आगे ये कैसा जहाँ है

नज़र की दुआ का जवाब आ रहा है
मेरी आरज़ू पे शबाब आ रहा है
ये खामोशियां भी हैं इक दास्तां
कोई कहता है मुझसे मोहब्बत जवां है
कहाँ ले चले हो बतादो मुसाफ़िर
सितारों से आगे ये कैसा जहाँ है
खयालों की मंजिल ये ख्वाबों की महफ़िल
समझ में ना आये ये दुनिया कहाँ है

Curiosités sur la chanson Kahan Le Chale Ho Bata Do Musafir de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Kahan Le Chale Ho Bata Do Musafir” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Kahan Le Chale Ho Bata Do Musafir” de Lata Mangeshkar a été composée par KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan.

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