Kahe Ko Der Lagai Re

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

मौत आ गई न आयेंगे मरने के बाद भी
आँखें तड़पती रह गईं इस इंतज़ार में
काहे को देर लगाई रे आये न अब तक बालमा
हमने तो जान गंवाई रे आये न अब तक बालमा
काहे को देर लगाई रे आये न अब तक बालमा

मेरी दुआ नाकाम हुई सूरज डूबा शाम हुई
पहने क़फ़न जायेगी मुहब्बत दिल की लगी बदनाम हुई
हँसती है सारी खुदाई रे आये न अब तक बालमा
काहे को देर लगाई रे आये न अब तक बालमा

रौनते दुनिया यूँ ही रोहेगी आएँगी खुशियाँ गम भी सहेगी
लेकिन मेरी बर्बाद जवानी मीट के भी उनसे यही कहेगी
हमसे तो की बेवफाई रे आये न अब तक बालमा
काहे को देर लगाई रे आये न अब तक बालमा

रंग ये लाइ चाहत किसी की याद रहेगी उल्फ़त किसी की
मेरी क़सम तुझे
मेरी क़सम तुझे मौत ठहर जा देख तो लूँ मै सूरत किसी की
हमने तो प्रीत निभाईं रे आये न अब तक बालमा
काहे को देर लगाई रे आये न अब तक बालमा
हमने तो जान गंवाई रे आये न अब तक बालमा

Curiosités sur la chanson Kahe Ko Der Lagai Re de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Kahe Ko Der Lagai Re” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Kahe Ko Der Lagai Re” de Lata Mangeshkar a été composée par Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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