Kaun Tujhko Maa Kahega
कौन तुझको मा कहेगा तू किसी की मा नही
कौन तुझको मा कहेगा तू किसी की मा नही
तेरे दिल मे मा ममता का एक भी अरमान नही
कों तुझको मा कहेगा तू किसी की मा नही
फूल जिस डाली से निकला हक उसी डाली का है
फूल जिस डाली से निकला हक उसी डाली का है
तेरी हस्ती तेरा दर्ज़ा तेरी हस्ती तेरा दर्ज़ा
तो फकत माली का है
झूठ को सच कर दिखना
इस कदर आसान नही कौन तुझको मा कहेगा
तू किसी की मा नही तू किसी की मा नही
सोच जिसका ये जिगर है आज वो रोटी है क्यू
सोच जिसका ये जिगर है आज वो रोटी है क्यू
तू किसी के आसुओ से तू किसी के आसुओ से
अपना मूह धोती है क्यू
जो खुशी छीने किसी की वो कोई इंसान नही
कौन तुझको मा कहेगा तू किसी की मा नही
तेरे दिल मे मा ममता का एक भी अरमान नही
कौन तुझको मा कहेगा तू किसी की मा नही
तू किसी की मा नही मा नही