Khuda - E - Bartar Teri Zameen Par

Roshan, Sahir

खुदाए बरतर तेरी जमीं पर
जमीं की खातिर यह जंग क्यों है
हर एक फतहो जफ़र के दामन पे
खूने इंसान का रंग क्यों है खुदाए बरतर

जमीं भी तेरी है हम भी तेरे
यह मिलकियत का सवाल क्या है
यह कत्लो खून का रिवाज क्यों है
यह रस्मे जंगो जदाल क्या है
जिन्हे तलब है जहान भर की
उन्ही का दिल इतना तंग क्यों है
खुदाए बरतर

ग़रीब माओ शरीफ बहनो
को अम्नो इज्जत की जिंदगी दे
जिन्हे अता की है तू ने ताकत
उन्हें हिदायत की रोशनी दे
सरो में किब्रो ग़ुरूर क्यों हैं
दिलो के शीशे पे जंग क्यों है
खुदाए बरतर

खजा के रस्ते पे जानेवालों
को बच के आने की राह देना
दिलो के गुलशन उजड़ न जाए
मुहब्बतों को पनाह देना
जहाँ में जश्ने वफ़ा के बदले
यह जश्ने तिरो तफ़ंग क्यों है
खुदाए बरतार तेरी जमीं पर
जमीन की खातिर यह जंग क्यों है
हर एक फतहो जफ़र के दामन
पे खूने इंसान का रंग क्यों है
खुदाए बरतर

Curiosités sur la chanson Khuda - E - Bartar Teri Zameen Par de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Khuda - E - Bartar Teri Zameen Par” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Khuda - E - Bartar Teri Zameen Par” de Lata Mangeshkar a été composée par Roshan, Sahir.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Lata Mangeshkar

Autres artistes de Film score