Khush Rahe Teri Nagri Beta

Rajendra Krishan

माँ गलियों की माटी छाने महलों में औलाद
पैदा करने वाली फिर भी कुछ ना करे फ़रियाद
खुश रहे तेरे नगरी बेटा माँ ये दुआ के चली
मेरा जितना फ़र्ज़ लिखा था मैं तो अदा कर चली
खुश रहे तेरे नगरी बेटा माँ ये दुआ कर चली

तेरे जन्म से पहले तेरी आस में आँख ना लगी
पैदा हुआ तो देख बालमी रात रात भर जगी
होके के बड़ा जब फेर ली आँखे
होके के बड़ा जब फेर ली आँखे नींद आँखियो से भागी
जीवन भर मैं दुःख की गठरी पल पल उठा कर चली
खुश रहे तेरे नगरी बेटा माँ ये दुआ कर चली

जीते जी तो बेटा मैं तूने जानी
जब मर जाऊ एक छोटी सी करना ये कुर्बानी
बेद लियो हर साल जरा सा
और ना कुछ भी तुझसे माँगू इसलिए सदा कर चली
खुश रहे तेरे नगरी बेटा माँ ये दुआ कर चली

Curiosités sur la chanson Khush Rahe Teri Nagri Beta de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Khush Rahe Teri Nagri Beta” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Khush Rahe Teri Nagri Beta” de Lata Mangeshkar a été composée par Rajendra Krishan.

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