Kis Karan Kamini Sharmaye
किस कारण कामिनी शरमाये
कोई जाने जाने तो बतलाए
ओ किस कारण कामिनी शरमाये
कोई जाने जाने तो बतलाए
हुई मर गयी अब क्या होगा बोल तू
भेद ना मेरे सखी खोल तू
ओ ओ हुई मर गयी अब क्या होगा बोल तू
भेद ना मेरे सखी खोल तू
ओ हो तारो की छाव तले नदिया पे शाम ढले (ओ हो तारो की छाव तले नदिया पे शाम ढले)
दुनिया से चोरी चोरी जीया आए गोरी
कजरा है रूठा हुआ गजरा है टूटा हुआ (कजरा है रूठा हुआ गजरा है टूटा हुआ)
कजरा है रूठा हुआ
किस कारण
किस कारण
कामिनी शरमाये कोई देखे समझे क्या हाए (कोई देखे समझे क्या हाए)
अब बोलो
किस कारण कामिनी मुस्काये
कोई जाने जाने तो बतलाए (कोई जाने जाने तो बतलाए)
हुई मर गयी अब क्या होगा बोल तू
भेद ना मेरे सखी खोल तू
हुई मर गयी अब क्या होगा बोल तू
भेद ना मेरे सखी खोल तू
ओह क्यू बनठन के वो गुज़री चमन से वो
हाए भवरे पुकारे उसे छेड़े बहारे उसे
होठ है फुलो जैसे नैन है झूलो जैसे
होठ है फुलो जैसे
किस कारण
किस कारण
कामिनी घबराए
कोई बुलबुल आशिक़ ना हो जाए
किस कारण कामिनी शरमाये
कोई जाने जाने तो बतलाए