Mera Dil Baharo Ka Wo Phool Hai

Prem Dhawan

मेरा दिल बहारो का वो फूल है
मेरा दिल बहारो का वो फूल है
जिसे गुलसिता की नज़र लग गयी
किसी ने जलाया नही ये चमन
इसे बागबा की नज़र लग गयी

ये सच है के तुमने मुझे गम दिया
तुम्हे फिर भी मैने ना रुसवा किया
ये सच है के तुमने मुझे गम दिया
तुम्हे फिर भी मैने ना रुसवा किया
किसी ने जो पूछा तो ये कह दिया
मुझे आस्मा की नज़र लग गयी
मेरा दिल बहारो का वो फूल है
जिसे गुलसिता की नज़र लग गयी

मुझे इस ज़माने ने लूटा नही
ये दिल बदनसीबी से टूटा नही
मुझे इस ज़माने ने लूटा नही
ये दिल बदनसीबी से टूटा नही
सितमगर कोई मुझसे रूठा नही
किसी मेहर्बा की नज़र लग गयी
मेरा दिल बहारो का वो फूल है
जिसे गुलसिता की नज़र लग गयी

नज़र मुस्कुराई थी जिसके लिए
उसी ने निगाहो को आँसू दिए
नज़र मुस्कुराई थी जिसके लिए
उसी ने निगाहो को आँसू दिए
जहा दिल दीवाने ने सजदे किए
वही आस्ता की नज़र लग गयी
मेरा दिल बहारो का वो फूल है
जिसे गुलसिता की नज़र लग गयी

Curiosités sur la chanson Mera Dil Baharo Ka Wo Phool Hai de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Mera Dil Baharo Ka Wo Phool Hai” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Mera Dil Baharo Ka Wo Phool Hai” de Lata Mangeshkar a été composée par Prem Dhawan.

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