Mera Dil Baharon Ka Woh Phool Hai

ANAND BAKSHI, MILIND CHITRAGUPTA, CHITRAGUPTA

मेरा दिल बहारों का वो फूल है
मेरा दिल बहारों का वो फूल है
जिसे गुलसिता की नज़र लग गई
किसी ने जलाया नहीं ये चमन
इसे बागवा की नज़र लग गई

ये सच है के तुमने मुझे गम दिया
तुम्हें फिर भी मैंने ना रुसवा किया
ये सच है के तुमने मुझे गम दिया
तुम्हें फिर भी मैंने ना रुसवा किया

किसी ने जो पूछा तो ये कह दिया
मुझे आसमा की नज़र लग गई
मेरा दिल बहारों का वो फूल है
जिस्ले गुलसतिता की नज़र लग गई

मुझे इस ज़माने ने लुटा नहीं
ये दिल बदनसीबी से टुटा नहीं
मुझे इस ज़माने ने लुटा नहीं
ये दिल बदनसीबी से टुटा नहीं
सितमगर कोई मुझसे रूठा नहीं
किसी मेहरबा की नज़र लग गई
मेरा बिल बहारों का वो फूल है
जिससे गुलसिता की नज़र लग गई

नज़र मुस्कुराई थी जिसके लिए
उसी ने निगाहों की आँसू दिये
नज़र मुस्कुराई थी जिसके लिए
उसी ने निगाहों की आँसू दिये
जहाँ दिल दीवाने ने सजदे किये
वही आस्ता की नज़र लग गई
मेरा दिल बहारों का वो फूल है
जिसे गुलसिता की नज़र लग गई

Curiosités sur la chanson Mera Dil Baharon Ka Woh Phool Hai de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Mera Dil Baharon Ka Woh Phool Hai” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Mera Dil Baharon Ka Woh Phool Hai” de Lata Mangeshkar a été composée par ANAND BAKSHI, MILIND CHITRAGUPTA, CHITRAGUPTA.

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