Mujhe Chu Rahi Hai Teri Garam Sansen
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छुआ हैं
के मेरे तो पाओं बहकने लगे हैं
लबों से अगर तुम बुला ना सको तो
निगाहों से तुम नाम लेकर बुला लो
तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं
ज़रा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
पता चल गया है के मंज़िल कहाँ है
चलो दिल के लम्बे सफ़र पे चलेंगे
सफ़र खत्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे
मुझे छू रही हैं तेरी गर्म साँसें
मेरे रात और दिन महकने लगे हैं
तेरी नर्म साँसों ने ऐसे छूआ हैं
के मेरे तो पाओं बहकने लगे हैं