Nazron Se Kah Do

Majrooh Sultanpuri, Roshan Rajesh

नज़रों से कह दो प्यार में
मिलने का मौसम हों मिलने का मौसम आ गया
नज़रों से कह दो प्यार में
मिलने का मौसम हों मिलने का मौसम आ गया
बाँहों में बाँहें डाल के
खिलने का मौसम हों खिलने का मौसमआ गया
नज़रों से कह दो प्यार में
मिलने का हों मिलने का मौसम आ गया

अनु अनु अरे बाबा जानू श्ह्ह्ह
रोको ना तुम मुझे
ज़रा सुनो तो

इस प्यार से तेरा हाथ लगा
लहरा गए गेसू मेरे
इस प्यार से तेरा हाथ लगा
लहरा गए गेसू मेरे
अरे कुछ भी नज़र आता नहीं
मस्ती में मुझे तुझसे परे
कांधे पे कांधे पे मेरे ज़ुल्फ़ के
ढलने का मौसम हों ढलने का मौसम आ गया
बाहों में बाहें डाल के
खिलने का मौसम हों खिलने का मौसमआ गया

हों तुम मिल भी गए फिर भी दिल को
क्या जाने कैसी आस है
तुम मिल भी गए फिर भी दिल को
क्या जाने कैसी आस है
तुम पास हो फिर भी होंठों में
जाने कैसी प्यास है
होंठों की होंठों की ठंडी आग में
जलने का मौसम है जलने का मौसम आ गया
नज़रों से कह दो प्यार में
मिलने का हों मिलने का मौसम आ गया

Curiosités sur la chanson Nazron Se Kah Do de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Nazron Se Kah Do” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Nazron Se Kah Do” de Lata Mangeshkar a été composée par Majrooh Sultanpuri, Roshan Rajesh.

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