Phir Chiddi Raat
फिर छिड़ी रात, बात फूलों की
फिर छिड़ी रात, बात फूलों की
रात है या बारात फूलों की
रात है या बारात फूलों की
फूल के हार, फूल के गजरे
फूल के हार, फूल के गजरे
शाम फूलों की, रात फूलों की
शाम फूलों की, रात फूलों की
फिर छिड़ी रात, बात फूलों की (फिर छिड़ी रात, बात फूलों की)
आपका साथ, साथ फूलों का
आपका साथ, साथ फूलों का
आपकी बात, बात फूलों की
आपकी बात, बात फूलों की
फिर छिड़ी रात, बात फूलों की (फिर छिड़ी रात, बात फूलों की)
फूल खिलते रहेंगे दुनिया में
फूल खिलते रहेंगे दुनिया में
रोज़ निकलेगी बात फूलों की
रोज़ निकलेगी बात फूलों की
फिर छिड़ी रात, बात फूलों की (फिर छिड़ी रात, बात फूलों की)
नज़रें मिलती हैं जाम मिलते हैं
नज़रें मिलती हैं जाम मिलते हैं
मिल रही है हयात फूलों की
मिल रही है हयात फूलों की
फिर छिड़ी रात, बात फूलों की (फिर छिड़ी रात, बात फूलों की)
ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम (ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम)
ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम (ये महकती हुई ग़ज़ल मखदूम)
जैसे सहरा में रात फूलों की (जैसे सहरा में रात फूलों की)
जैसे सहरा में रात फूलों की (जैसे सहरा में रात फूलों की)
फिर छिड़ी रात, बात फूलों की (फिर छिड़ी रात, बात फूलों की)
रात है या बारात फूलों की (रात है या बारात फूलों की)