Pyar Ki Nishaniyan
प्यार की निशानियां गुज़री हुई कहानियां
कब से रुला रही हमें तुम्हारी महरबानिया
प्यार किस निशानिया गुज़री हुयी कहानिया
कब से रुला रही हमें तुम्हारी महरबानिया
आँखों की आरज़ू हो तुम मंजिल की जूस्तजू हो तुम
मंजिल की जूस्तजू हो तुम
बेखबर हो तुम कर रहे नादानियाँ
ए शमा बता जरा क्या है जलने मे मज़ा
क्या है जलने मे मज़ा
आता नहीं नज़र धुँआ जल रही है जवानियाँ
प्यार किस निशानिया गुज़री हुयी कहानिया
कब से रुला रही हमें तुम्हारी महरबानिया