Raah Na Sujhe Jaoon Kahan

SHAILENDRA, Manohar Khanna

राह ना सूझे जाऊं कहाँ
लूट गये मेरे दोनो जहाँ
अपना पराया कोई नही
सर पे झुक आया आस्मा
राह ना सूझे जाऊं कहाँ
लूट गये मेरे दोनो जहाँ

दिल बेचारा टूटा हुआ
गुम के हाथो लूटा हुआ
फेक रहे है इस जल को
बेरहम जोखिम से जुदा
आए सुहाने गुम तू बता
में तुझे अब च्छूपाऊ कहाँ
राह ना सूझे जाऊं कहाँ
लूट गये मेरे दोनो जहाँ
अपना पराया कोई नही
सर पे झुक आया आस्मा

दिल के मेहमान दिल से भी जा
अब तू इस दुनिया में ना आ
भूल जा मुझको तू भूल जा
पूछ ना मुझसे कोई वजह
दिल भी मेरा दिल ना रहा
अब मैं तुझे बसाऊं कहाँ
राह ना सूझे जाऊं कहाँ
लूट गये मेरे दोनो जहाँ
अपना पराया कोई नही
सर पे झुक आया आस्मा
राह ना सूझे जाऊं कहाँ
लूट गये मेरे दोनो जहाँ

Curiosités sur la chanson Raah Na Sujhe Jaoon Kahan de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Raah Na Sujhe Jaoon Kahan” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Raah Na Sujhe Jaoon Kahan” de Lata Mangeshkar a été composée par SHAILENDRA, Manohar Khanna.

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