Raat Hai
रात हैं चाँदनी हैं, खुशबु हैं
रात हैं चाँदनी हैं, खुशबु हैं
क्या कहूँ इनसे मैं, कहाँ तू हैं
रात हैं चाँदनी हैं, खुशबु हैं
तू नहीं हैं मगर, यहीं हैं तू
तू नहीं हैं मगर, यहीं हैं तू
तू नहीं हैं मगर, यहीं हैं तू
इस मोहब्बत में ये भी जादू हैं
इस मोहब्बत में ये भी जादू हैं
क्या कहूँ इनसे मैं, कहाँ तू हैं
रात है चाँदनी है, खुशबु हैं
खामोशी का नक़ाब ओढ़े हुए
खामोशी का नक़ाब ओढ़े हुए
तेरी आवाज़ जैसे हरसूँ हैं
तेरी आवाज़ जैसे हरसूँ हैं
क्या कहूँ इनसे मैं, कहाँ तू हैं
रात हैं चाँदनी हैं, खुशबु हैं
आके पलकों से चुन ले ये मोती
आके पलकों से चुन ले ये मोती
आके पलकों से चुन ले ये मोती
सबकी नज़रों में तो ये आँसू हैं
सबकी नज़रों में तो ये आँसू हैं
क्या कहूँ इनसे मैं, कहाँ तू हैं
रात हैं चाँदनी हैं, खुशबु हैं