Raat Ja Rahi Hai Nind Aa Rahi Hai
रात जा रही है रात जा रही है नींद आ रही है
रात जा रही है पलक पंखुड़ी क्यू
पलक पंखुड़ी क्यू मंडी जा रही है
रात जा रही है
सो गयी है चंपा कली नैन मूंद के
चंदर किरण खेल रही ओस बूँद से
सपनो की चंदेरी घटा छा रही है
जान जा रही है रत जा रही है
सोजा मेरे लाल सोजा जागते है सितारे ए ए ए
जागते है सितारे
कहर हुए हमारे गगन गांग किनारे
समय द्वार रे बहकी जा रही है
रात जा रही है नींद आ रही है
रात जा रही है
मा की ममता सोए नही
सोए नही भाग शाम पुतलियो मे
मधुर प्रीत रही जाग
दुख की रात सुख की भोर ला रही है
उठी भोर ला रही है