Rut Hai Milan Ki [Revival]

MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN

ओ ओ ओ ओ ओ
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे

रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे
मोहे कही ले चल बाहो के सहारे
बागो में खेतों में नदिया किनारे
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे

हो कोई सजनवा आजा तेरे बिना
ठंडी हवा सही ना जाये
आजा ओ आजा
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे
मोहे कही ले चल बाहो के सहारे
हा बागो में खेतों में नदिया किनारे
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे

ओ जैसे रुत पे छाये हरियाली
गहरी होय मुख पे रंगत नेहा की

खेतो के संग झूमे पवन में
फुलवा सपनो के डाली अरमान की

तेरे सिवा कछु सूझे नाहीं अब तो सावरे
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे
मोहे कही ले चल बाहो के सहारे
हा बागो में खेतों में नदिया किनारे
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे

ओ ओये सजनिया जान ले ले कोई मोसे
अब तो लागे नैना तोसे
आजा ओ आजा
ओ मन कहता है दुनिया सज के
जानी बस जाऊं तेरी आँखों में

और मैं गोरी महकी महकी
घुल के रह जाऊ तेरी साँसों में

ओ एक दूजे में यु खो जाये जग देखा करे
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे

मोहे कही ले चल बाहो के सहारे
बागो में
खेतों में

नदिया किनारे (नदिया किनारे)
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे (रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे)
रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे (रुत है मिलन की साथी मेरे आ रे)

Curiosités sur la chanson Rut Hai Milan Ki [Revival] de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Rut Hai Milan Ki [Revival]” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Rut Hai Milan Ki [Revival]” de Lata Mangeshkar a été composée par MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN.

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