Sajan Ki Galiyan Chhod Chale [extended]

Qamar Jalalabadi, Shamsunder

साजन की गलियां छोड़ चले
दिल रोया आंसू बह न सके
यह जीना भी कोई जीना है
हम उनको अपना कह न सके
साजन की गलियां

जब उनसे बिछड़ कर आने लगे
जब उनसे बिछड़ कर आने लगे
रुक रुक के चले चल चल के रुके
लब काँपे आँखें भर आयी
कुछ कहना चाहा कहे न सके
साजन की गलियां छोड़ चले
दिल रोया आंसू बहे न सके
साजन की गलियां

उनके लिए उनको छोड़ दिया
खुद अपने दिल को तोड़ दिया
हम उनके दिल में रहते थे
उनके क़दमों में रहे न सके
साजन की गलियां छोड़ चले
दिल रोया आंसू बह न सके
साजन की गलियां

साजन है वह और हम है यहाँ
ऐसे दिल को ले जाये कहा
जो पास भी उनके रहे न सके
और दर्द ऐ जुदाई सहे न सके
साजन की गलियां छोड़ चले
दिल रोया आंसू बहे न सके
साजन की गलियां

Curiosités sur la chanson Sajan Ki Galiyan Chhod Chale [extended] de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Sajan Ki Galiyan Chhod Chale [extended]” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Sajan Ki Galiyan Chhod Chale [extended]” de Lata Mangeshkar a été composée par Qamar Jalalabadi, Shamsunder.

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