Sau Saal Pahle

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था
आज भी है और कल भी रहेगा
सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था
आज भी है और कल भी रहेगा

तुम रूठा न करो मेरी जान मेरी जान निकल जाती है
तुम हँसती रहती हो तो इक बिजली सी चमक जाती है
तुम रूठा न करो मेरी जान मेरी जान निकल जाती है
तुम हँसती रहती हो तो इक बिजली सी चमक जाती है
मुझे जीते जी ओ दिलबर, तेरा इंतज़ार था
आज भी है और और कल भी रहेगा
सदियों से तुझ से मिलने जिया बेक़रार था
आज भी है और कल भी रहेगा

इस दिल के तारों में मधुर झंकर तुम्ही से है
और यह हसीन जलवा यह मस्त बहार तुम्ही से है
दिल तो मेरा सनम, तेरा तलबगार था
आज भी है और और कल भी रेहेगा
सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था
आज भी है और कल भी रहेगा

इन प्यार की राहों में कहो तो अब खुद को लुटा दूँ मैं
ओ चाँदी के क़दमों में धड़कते दिल को बिछा दूँ मैं
इन प्यार की राहों में कहो तो अब खुद को लुटा दूँ मैं
ओ चाँदी के क़दमों में धड़कते दिल को बिछा दूँ मैं
तुझे मेरे जीवन पर सदा इख़्तियार था
आज भी है और और कल भी रेहेगा
सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था
आज भी है और कल भी रहेगा

Curiosités sur la chanson Sau Saal Pahle de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Sau Saal Pahle” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Sau Saal Pahle” de Lata Mangeshkar a été composée par Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

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