Sham Dhale Khidki Tale [Classic Revival]

CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN

शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो
तुम सीटी बजाना छोड़ दो

घड़ी घड़ी खिड़की में खड़ी
तुम तीर चलाना छोड़ दो
तुम तीर चलाना छोड़ दो

शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो

तुम तीर चलाना छोड़ दो

रोज़-रोज़ तुम मेरी गली में
चक्कर क्यों हो काटते
अजी चक्कर क्यों हो काटते

सच्ची सच्ची बात कहूँ मैं
सच्ची सच्ची बात कहूँ मैं
अजी तुम्हारे वास्ते तुम्हारे वास्ते

जाओ जाओ होश में आओ
यूँ आना जाना छोड़ दो
यूँ आना जाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो

तुम तीर चलाना छोड़ दो

मुझसे तुम्हें क्या मतलब है
ये बात ज़रा बतलाओ

बात फ़कत इतनी सी है कि तुम मेरी हो जाओ
आओ आओ तुम मेरी हो जाओ

ऐसी बातें अपने दिल में
ऐ साहिब तुम लाना छोड़ दो
शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो

तुम तीर चलाना छोड़ दो

चार महीने मेहनत की है
अजी रँग कभी तो लाएगी

जाओ जाओ जी यहाँ तुम्हारी
दाल कभी गलने न पाएगी
हाँजी दाल कभी गलने न पाएगी

दिलवालों मतवालों पर तुम
तुम रौब जमाना छोड़ दो
तुम रौब जमाना छोड़ दो

शाम ढले खिड़की तले
तुम सीटी बजाना छोड़ दो

तुम तीर चलाना छोड़ दो

Curiosités sur la chanson Sham Dhale Khidki Tale [Classic Revival] de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Sham Dhale Khidki Tale [Classic Revival]” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Sham Dhale Khidki Tale [Classic Revival]” de Lata Mangeshkar a été composée par CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHAN.

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