Sham-E-Furqat Ka Dhal Gaya Saya

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

सितारे डूबने लगे हाय सिसकियाँ ले कर
चिराग बुझने लगे हाय हिचकियाँ ले कर
ओ ओ

कोयल खडक के मस्त करे जब अलाप से
दिल के वलवले दब जायेंगे तबले की थाप

शाम इ फुरक़त शमे फुरकर का ढल गया सया रे
शाम इ फुरक़त का ढल गया सया रे
आने वाला सजन नहीं आया रे
शाम इ फुरक़त का ढल गया सया रे
आने वाला सजन नहीं आया रे
शाम इ फुरक़त का ढल गया सया रे

मेरी अदा सबसे जुद लोग हुए मुझपे फ़िदा
नूर न देखो देखने वालो
पास तो आओ दिल से लगालो
आज है मौका अरमान मिटालो

राधे स्याम

अपना आशिक
अपना आशिक तुम्हे को तुम्ही को बनाया रे
अपना आशिक तुम्हे को तुम्ही को बनाया रे
आने वाला सजन नहीं आया रे
शाम इ फुरक़त का ढल गया सया रे

नाम मेरा… चारो तरफ
शोर मेरा… चारो तरफ
जिसने भी देखा मेरा नजारा
हर कोई बोला मारा रे मारा
जान से प्यारा मेरा इशारा

राधे स्याम

अपनी चुट्की पे
अपनी चुट्की पे सबको नचाया रे
अपनी चुट्की पे सबको नचाया रे
आने वाला सजन नहीं आया रे
शाम इ फुरक़त का ढल गया सया रे
शाम इ फुरक़त का ढल गया सया रे

Curiosités sur la chanson Sham-E-Furqat Ka Dhal Gaya Saya de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Sham-E-Furqat Ka Dhal Gaya Saya” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Sham-E-Furqat Ka Dhal Gaya Saya” de Lata Mangeshkar a été composée par JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT.

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