Suna Tu Man Ki Bin Par
सुना तू मन की बिन पर
सुना तू मन की बिन पर
ये आसुओं की रागिनी
सुना तू मन की बिन पर
ये आसुओं की रागिनी
के जल उठा है चंद्रमा
सुलग रही है चांदनी
सुना तू मन की बिन पर
वो कल की बात भूल जा
वो कल की बात भूल जा
मिलन की रात भूल जा
ओ मेरी प्रीत बावरी
ओ मेरी प्रीत बावरी
तू आज क्यों बनी ठनी
सुना तू मन की बिन पर
ये आसुओं की रागिनी
सुना तू मन की बिन पर
ये तेरे गीत रूथ कर
तु तेरे गीत रूथ कर
ये मोती मन के टूट कर
बिखर चुके है धूल में
बिखर चुके है धूल में
तू बन गई बिखारिनी
सुना तू मन की बिन पर
ये आसुओं की रागिनी
के जल उठा है चंद्रमा
सुलग रही है चांदनी
सुना तू मन की बिन पर