Tere Jalwe Ab Mujhe

JAGJIT SINGH, SABA AFGHANI

तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
काश ये भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे

इब्तदा ये थी के देखी थी खुशी की एक झलक
इब्तदा ये थी के देखी थी खुशी की एक झलक
इंतेहा ये है के ग़म हरसू नजर आने लगे
काश ये भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे

बेक़रारी बढ़ते बढ़ते दिल की फ़ितरत बन गई
बेक़रारी बढ़ते बढ़ते दिल की फ़ितरत बन गई
शायद अब तस्कीन का पहलू नज़र आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
काश ये भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे

खत्म करदे ऐ सबा अब शाम-ए-ग़म की दास्तां
खत्म करदे ऐ सबा अब शाम-ए-ग़म की दास्तां
देख उन आँखों में भी आँसू नजर आने लगे
तेरे जलवे अब मुझे हरसू नज़र आने लगे
काश दे भी हो के मुझमे तू नज़र आने लगे

Curiosités sur la chanson Tere Jalwe Ab Mujhe de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Tere Jalwe Ab Mujhe” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Tere Jalwe Ab Mujhe” de Lata Mangeshkar a été composée par JAGJIT SINGH, SABA AFGHANI.

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