Tum Apni Yaad Bhi Dil Se
तुम अपनी याद भी दिल से भुला जाते तो अच्छा था
ये दो आँसू लगी दिल की बुझा जाते तो अच्छा था
मेरे अरमान भी ले जाते मेरी हसरत भी ले जाते
मेरे अरमान भी ले जाते मेरी हसरत भी ले जाते
नज़र से छीन कर अपनी हसीन सूरत भी ले जाते
अँधेरे और इन आँखों में छा जाते तो अच्छा था
तुम अपनी याद भी दिल से भुला जाते तो अच्छा था
मेरे दिल की मोहब्बत का यकीन कब तुम को आया था
मेरे दिल की मोहब्बत का यकीन कब तुम को आया था
जहां सौ ज़ुल्म ढाए थे जहां दिल को मिटाया था
मुझे भी अपने हाथों से मिटाए जाते तो अच्छा था
ये दो आँसू लगी दिल की बुझा जाते तो अच्छा था
मेरा दिल फेर दे मेरी निशानी फेरने वाले
मेरा दिल फेर दे मेरी निशानी फेरने वाले
जो मुमकिन हो तो लौटा दो मेरी आहें मेरे नाले
जो मुमकिन हो तो लौटा दो मेरी आहें मेरे नाले
हम अपने दिल का खोया चैन पा जाते तो अछा था
ये दो आँसू लगी दिल की बुझा जाते तो अच्छा था