Waqt Ne Kiya Kaya Hasi Sitam
जाने क्या तुने कही जाने क्या मैने सुनी
बात कुछ बन गई जाने क्या तुने कही
गीता की तबीयत मे जहा सोखि और चंचलता थी
वाहा ज़िम्मेदारी का भरपूर एहसास भी था
हमने कई गाने एक साथ गाये इसलिए बड़ी आक्ची दोस्ती थी
गीता बहोत जल्द किसी भी बात से परेसान हो जाती थी
और परेसानी बढ़ जाती तो सीधे मेरे पास आती
उससे जितनी जल्दी मुजसे मिलनने की होती थी
उतने ही जल्दी गीता ने इस दुनिया से जाने मे भी दिखाई
ये वक़्त का सितम नई तो और क्या
वक़्त ने किया क्या हंसीं सितम
तुम रहे न तुम हम रहे न हम
वक़्त ने किया क्या हंसीं सितम
तुम रहे न तुम हम रहे न हम
वक़्त ने किया
बेक़रार दिल इस तरह मिले
जिस तरह कभी हम जुदा न थे
बेक़रार दिल इस तरह मिले
जिस तरह कभी हम जुदा न थे
तुम भी खो गए हम भी खो गए
एक राह पर चलके दो क़दम
वक़्त ने किया क्या हंसीं सितम
तुम रहे न तुम हम रहे न हम
वक़्त ने किया
जाएंगे कहाँ सूझता नहीं
चल पड़े मगर रास्ता नहीं
जाएंगे कहाँ सूझता नहीं
चल पड़े मगर रास्ता नहीं
क्या तलाश है कुछ पता नहीं
बुन रहे हैं दिल ख़्वाब दम ब दम
वक़्त ने किया क्या हंसीं सितम
तुम रहे न तुम हम रहे न हम
वक़्त ने किया क्या हंसीं सितम
तुम रहे न तुम हम रहे न हम