Woh Sham Aayee Rangon Men Rangi

Yogesh, Salil Chowdhury

ओ शाम आई गो में रंगी हुई
पायल वायल मेरे पांवो में कोई बांधो
लाके नई नई
ओ शाम आई रंगों में रंगी हुई
पायल वायल मेरे पांवो में कोई बांधो
लाके नई नई
ओ शाम आई रंगों में रंगी हुई

मुझे कोई नयी चुनरी दिला दो
मेरे लिए नया कंगना कोई ला दो
मुझे कोई नयी चुनरी दिला दो
मेरे लिए नया कंगना कोई ला दो
वे सूने से माथे पे करे चमचम कुमकुम की
तुम ऐसी कोई बिंदिया लगा दो
ओ शाम आई रंगों मे रंगी हुई

मेरे मन की आशा अधूरी
होगी इक दिन ये तो कहीं पूरी
मेरे मन की आशा अधूरी
होगी इक दिन ये तो कहीं पूरी
कभी ना मैं भूलूंगी संग संग तेरे साथी
मेरे बीते ये जो शाम सिंदृरी
ओ शाम आई गो मं रंगी हुई
पायल वायल मेरे पांवो में कोई बांधो
लाके नई नई
ओ शाम आई रंगों में रंगी हुई

Curiosités sur la chanson Woh Sham Aayee Rangon Men Rangi de Lata Mangeshkar

Qui a composé la chanson “Woh Sham Aayee Rangon Men Rangi” de Lata Mangeshkar?
La chanson “Woh Sham Aayee Rangon Men Rangi” de Lata Mangeshkar a été composée par Yogesh, Salil Chowdhury.

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