Zindagi Ka Ajab Fasana Hai
ज़िंदगी का अजब फ़साना है
रोते रोते भी मुस्कुराना है
ज़िंदगी का अजब फ़साना है
इश्क़ में जानते हैं जान गई
इश्क़ में जानते हैं जान गई
फिर भी कहते हैं आज़माना है
फिर भी कहते हैं आज़माना है
कैसी मुश्किल है कोई क्या जाने
कैसी मुश्किल है कोई क्या जाने
आग को आग से बुझाना है
ज़िंदगी का अजब फ़साना है
दिल लगाया था पर न थी ये ख़बर
दिल लगाया था पर न थी ये ख़बर
मौत का ये भी एक बहाना है
रोते रोते भी मुस्कुराना है
ज़िंदगी का अजब फ़साना है
रोते-रोते भी मुस्कुराना है