Natnaagar Ki Hai Saari Leela
सुनो गौर से, सुनो गौर से तुम
नटनगर की है सारी लीला
सुनो गौर से, सुनो गौर से तुम
नटनागर की है सारी लीला
ॐ ॐ
कारगर में जन्म लिया लाल देवकी का
मुश्किल में प्राण फसा, मैया थी लाचार
कंस मामा को खबर लगी, हो गया चमत्कार
टूट गयी हथकड़िया, खुल गये सारे द्वार
चली राह फिर चाली राह आगे
नटनगर की है सारी लीला
ले के चले टोकरी में पिता वासुदेव
पग छूने चढ़ने लगे जमुना नदी के धार
थमने का नाम ना ले बारिश की रफ़्तार
छाया बनी कब आके शेषनाग फनकार
हुवी पार फिर जमुना के तट से
नटनागर की है सारी लीला
मा का रूप धरके पुतला आई दूध पिलाने
मायवी की माया बुझ गये कृष्णा
श्याम अपनी चतुराई से कर्दे कुच्छ ऐसा
वध करके डायन का बुझा दिए तृष्णा
कोई ना जाने अंतर्यामी को
नटनागर की है सारी लीला
बचपन की छाया में खोला दिव्याललाट
खेल खेल में दिखलाया मा को रूप विराट
यशोमति मैया ने कान्हा को पहचाना
ईश्वर की माया को तब जाके जाना
सकल विश्वा को खुद में छिपाया है
नटनागर की है सारी लीला
गोपियो संग रास रचा, रास रचाइया ने
चिर हरण छुपके किया कृष्णा कन्हैया ने
माखन की चोरी में पकड़ा मैया ने
बंसी की धुन सुनके नाचा गैया ने
प्रेम राग से सबको है बाँधा
नटनागर की है सारी लीला
काले नाग ने घेरा घिर गये सारे संकट में
सब ग्याता गिरिधर ने कुछ ऐसा काम किया
हर भय से हर चिंता से जन्मानन को दूर किया
गोवर्धन पर्वत को उंगली पे उठा लिया
बना दी अनहोनी को भी होनी
नटनागर की है सारी लीला
सुनो गौर से, सुनो गौर से तुम
नटनागर की है सारी लीला