Aai Baharon Ki Sham

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

आयी बहरों की शाम
आयी बहरों की शाम
क्या जाने फिर किसके नाम
ठंडी हवा
भीगी फिजा
लायी है फिर
किसका सलाम
आयी बहरों की शाम
क्या जाने फिर किसके नाम
आयी बहरों की शाम

सितारों ने बँधा गगन पर
समां जैसे खिलते गुलों का
सुनसान सपनों भरी वादियों मैं
चाँदनीसे साझे रास्तों का
घटा ने किया इंतज़ाम
क्या जाने फिर किसके नाम
आयी बहरों की शाम

में गाता हूँ किस दिलरूबा की
मोहोब्बत की रंगीन तराने
कौन आनेवाला है तन्हाइयों में
चुपके चुपके यह दिल में न जाने
धड़कता है किसका पयाम
क्या जाने फिर किसके नाम
ठंडी हवा भीगी फिजा
लायी है फिर किसका सलाम
आयी बहरों की शाम
क्या जाने फिर किसके नाम
आयी बहरों की शाम

Curiosités sur la chanson Aai Baharon Ki Sham de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Aai Baharon Ki Sham” de Mohammed Rafi?
La chanson “Aai Baharon Ki Sham” de Mohammed Rafi a été composée par LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

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