Aayee Hai Baharen Mite Zulmo Sitam

Naushad, Shakeel Badayuni

आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म ओ सितम
प्यार का ज़माना आया दूर हुए ग़म
राम की लिला रंग लाई अ हा हा
शाम ने बंसी बजाई अ हा हा हा
आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म ओ सितम
प्यार का ज़माना आया दूर हुए ग़म
राम की लिला रंग लाई अ हा हा
शाम ने बंसी बजाई अ हा हा हा

चमका है इनसाफ़ का सूरज
फैला है उजाला उजाला
चमका है इनसाफ़ का सूरज फैला है उजाला
नई उमंगें संग लायेगा हर दिन आनेवाला
आनेवाला नई उमंगें संग लायेगा हर दिन आनेवाला
हो हो मुन्ना गीत सुनायेगा आ आ आ आ
टुन्ना ढोल बजायेगा
मुन्ना गीत सुनायेगा टुन्न ढोल बजायेगा
संग संग मेरी छोटी मुन्नी नाचेगी छम छम
ओह आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म ओ सितम
प्यार का ज़माना आय दूर हुए ग़म
राम की लीला रंग लाई अ हा हा
शाम ने बंसी बजाई अ हा हा हा

अब न होंगे मजबूरी के इस घर में अफ़साने
अब ना होंगे मजबूरी के इस घर में अफ़साने
प्यार के रंग में रंग जायेंगे सब अपने बेगाने
प्यार के रंग में रंग जायेंगे सब अपने बेगाने
हो हो सब के दिन फिर जायेंगे
आ आ आ मंज़िल अपनी पायेंगे

सब के दिन फिर जायेंगे
मंज़िल अपनी पायेंगे
जीवन के तराने मिलके गायेंगे हरदम
हो आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म ओ सितम
प्यार का ज़माना आय दूर हुए ग़म
राम की लीला रंग लाई अ हा हा
शाम ने बंसी बजाई अ हा हा हा
आ आ आ अब ना कोई भुखा होगा और ना कोई प्यासा
हो हो हो अब ना कोई भुखा होगा और ना कोई प्यासा
अब ना कोई नौकर होगा और ना कोई आका
हू उओ अब ना कोई नौकर होगा और ना कोई आका हो हो
अपने घर के राजा तुम आ छेडो मन का बाजा तुम
अपने घर के राजा तुम आ छेडो मन का बाजा तुम
आ जाएगी सुर में देखो जीवन की सरगम
हो ओ आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म ओ सितम
प्यार का ज़माना आया दूर हुए ग़म
राम की लीला रंग लाई अ हा हा
श्याम ने बंसी बजाई
आ आ आ

Curiosités sur la chanson Aayee Hai Baharen Mite Zulmo Sitam de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Aayee Hai Baharen Mite Zulmo Sitam” de Mohammed Rafi?
La chanson “Aayee Hai Baharen Mite Zulmo Sitam” de Mohammed Rafi a été composée par Naushad, Shakeel Badayuni.

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