Aayi Baharon Ki Sham [Revival]

LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

आई बहारों की शाम, आई बहारों की शाम
क्या जाने, फिर किसके नाम
ठंडी हवा, भीगी फ़िज़ा, लाई है फिर, किसका सलाम
आई बहारों की शाम, क्या जाने, फिर किसके नाम
आई बहारों की शाम

सितारों ने बँधा गगन पर, समा जैसे खिलते गुलों का
सुनसान सपनों भारी वादियों में, चान्दनिसे सझे रास्तों का
घटा ने किया इंतज़ाम, क्या जाने, फिर किसके नाम
आई बहारों की शाम

में गाता हूँ किस दिलरुबा की, मोहोब्बत की रंगीन तराने
कौन आनेवाला है तन्हाइयों में, चुपके चुपके यह दिल में ना जाने
धड़कता है किसका पयाँ, क्या जाने, फिर किसके नाम
ठंडी हवा, भीगी फ़िज़ा, लाई है फिर, किसका सलाम
आई बहारों की शाम, क्या जाने, फिर किसके नाम
आई बहारों की शाम हम्म हम्म हम्म

Curiosités sur la chanson Aayi Baharon Ki Sham [Revival] de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Aayi Baharon Ki Sham [Revival]” de Mohammed Rafi?
La chanson “Aayi Baharon Ki Sham [Revival]” de Mohammed Rafi a été composée par LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mohammed Rafi

Autres artistes de Religious