Ab Agar Humse Khudai Bhi

JAIDEV, MADAN MOHAN, N/A SAHIR

अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये
अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये
गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये
गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये

जिस्म मिट जाये
जिस्म मिट जाये कि अब जान फ़ना हो जाये
जिस्म मिट जाये कि अब जान फ़ना हो जाये
गैर मुमकिन है
गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये

अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये (अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये)
अब अगर हम से (अब अगर हम से )

हो ओ ओ हो ओ ओ

हो ओ ओ हो ओ ओ

जिस घडी मुझको पुकारेंगी तुम्हारी बांहे ए ए
जिस घडी मुझको पुकारेंगी तुम्हारी बांहे
रोक पाएंगी ना सहारा की सुलगती राहें
रोक पाएंगी ना सहारा की सुलगती राहें
चाहे हर साँस झुलसने की सजा हो जाये
चाहे हर साँस झुलसने की सजा हो जाये

गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये (गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये)
अब अगर हम से (अब अगर हम से)
अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये (अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये)
अब अगर हम से (अब अगर हम से)
हाँ आ हाँ आ आ

ओ हो ओ हो (ओ हो ओ हो)

लाख जंजीरों में जकड़े यह ज़माने वाले
लाख जंजीरों में जकड़े यह ज़माने वाले
तोड़ कर बंद निकल आएंगे आने वाले
तोड़ कर बंद निकल आएंगे आने वाले
शर्त इतनी है की तू जलवा नुमान हो जाये
शर्त इतनी है की तू जलवा नुमान हो जाये

गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये (गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये)
गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये (गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये)
अब अगर हम से (अब अगर हम से)
अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये (अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये)
अब अगर हम से (अब अगर हम से)

जलजले आये गरजदार घटाये घेरे ए ए
जलजले आये गरजदार घटाये घेरे

खंडके राह में हो तेज हवाएं घेरे
खंडके राह में हो तेज हवाएं घेरे

चाहे दुनिया में क़यामत ही बपा हो जाये (चाहे दुनिया में क़यामत ही बपा हो जाये)
चाहे दुनिया में क़यामत ही बपा हो जाये (चाहे दुनिया में क़यामत ही बपा हो जाये)
गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये (गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये)
अब अगर हम से (अब अगर हम से)
अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये (अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये)
गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये (गैर मुमकिन है कि दिल दिल से जुदा हो जाये)
अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये (अब अगर हम से खुदाई भी खफा हो जाये)

Curiosités sur la chanson Ab Agar Humse Khudai Bhi de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Ab Agar Humse Khudai Bhi” de Mohammed Rafi?
La chanson “Ab Agar Humse Khudai Bhi” de Mohammed Rafi a été composée par JAIDEV, MADAN MOHAN, N et A SAHIR.

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