Ae Phoolon Ki Rani

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
न दिल होश में है न हम होश में हैं
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया

तेरे होंठ क्या हैं गुलाबी कमल हैं
ये दो पत्तियां प्यार की इक गज़ल हैं
वो नाज़ुक लबों से मुहब्बत की बातें
हमीं को सुनाना गज़ब हो गया
ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया

कभी खुल के मिलना कभी खुद झिझकना
कभी रास्तों पे बहकना मचलना
ये पलकों की चिलमन उठाकर गिराना
गिराकर उठाना गज़ब हो गया
ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया

फ़िज़ाओं में ठंडक घटा भर जवानी
तेरे गेसुओं की बड़ी मेहरबानी
हर इक पेंच में सैकड़ों मैकदे हैं
तेरा लड़खड़ाना गज़ब हो गया
ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिका
तेरा मुस्कुराना गज़ब हो गया
न दिल होश में है न हम होश में हैं
नज़र का मिलाना गज़ब हो गया

Curiosités sur la chanson Ae Phoolon Ki Rani de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Ae Phoolon Ki Rani” de Mohammed Rafi?
La chanson “Ae Phoolon Ki Rani” de Mohammed Rafi a été composée par JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT.

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