Akela Hoon Main Is Duniya Men

Majrooh Sultanpuri, S D Burman

अहा अहा अहा अहा अहा अहा अहा हो अहा हो
अकेला हूँ मैं इस दुनिया में
कोई साथी है तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं इस दुनिया में
कोई साथी है तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं

ना तो परवाना और ना दीवाना
मैं किसी महफ़िल का
सोनी सोनी राहें थामती हैं बाहें
ग़म किसे मन्ज़िल का
ना तो परवाना और ना दीवाना
मैं किसी महफ़िल का
सोनी सोनी राहें थामती हैं बाहें
ग़म किसे मन्ज़िल का
मैं तो हूँ राही दिल का
है साथी है तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं इस दुनिया में
कोई साथी है तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं
आ आ आ आ आ आ

जैसे कभि प्यारे झील के किनारे हँस अकेला निकले
वैसे ही देखोजी यह मन मौजी
मौजों के सीने पे चले
हो जैसे कभि प्यारे झील के किनारे हँस अकेला निकले
वैसे ही देखोजी यह मन मौजी
मौजों के सीने पे चले
चाँद सितरों के तले
साथी है तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं इस दुनिया में
कोई साथी है तो मेरा साया
अकेला हूँ मैं

Curiosités sur la chanson Akela Hoon Main Is Duniya Men de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Akela Hoon Main Is Duniya Men” de Mohammed Rafi?
La chanson “Akela Hoon Main Is Duniya Men” de Mohammed Rafi a été composée par Majrooh Sultanpuri, S D Burman.

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