Apni To Har Ek Aah Ek Toofan Hai

SHAILENDRA, S D Burman

अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है
क्या करे वो जान कर अंजान है
ऊपर वाला जान कर अंजान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है

अब तो हँसके अपनी भी क़िस्मत को चमका दे
कानों में कुछ कह दे जो इस दिल को बहला दे
ये भी मुशकिल है तो क्या आसान है
ऊपर वाला जान कर अन्जान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है

सर पे मेरे तू जो अपना हाथ ही रख दे
फिर तो भटके राही को मिल जायेंगे रस्ते
दिल की बस्ती बिन तेरे वीरान है
ऊपर वाल जानकर अन्जान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है

दिल ही तो है इस ने शायद भूल भी की है
ज़िंदगी है भूल कर ही राह मिलती है
माफ़ कर बन्दा भी इक इन्सान है
ऊपर वाल जान कर अंजान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है
क्या करे वो जान कर अंजान है
ऊपर वाला जान कर अंजान है
अपनी तो हर आह इक तूफ़ान है

Curiosités sur la chanson Apni To Har Ek Aah Ek Toofan Hai de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Apni To Har Ek Aah Ek Toofan Hai” de Mohammed Rafi?
La chanson “Apni To Har Ek Aah Ek Toofan Hai” de Mohammed Rafi a été composée par SHAILENDRA, S D Burman.

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