Bachcho Tum Taqdeer Ho Kal Ke

Sahir Ludhianvi


बच्चों तुम तकदीर हो कल के हिंदुस्तान की
बापू के वरदान की नेहरु के अरमान की .
बच्चों तुम तकदीर हो कल के हिंदुस्तान की
बापू के वरदान की नेहरु के अरमान की
बच्चों तुम तकदीर हो
आज के टूटे खँडहरों पर तुम कल का देश बसाओगे
जो हम लोगों से न हुआ वो तुम कर के दिखलाओगे
तुम नन्हीं बुनियादें हो तुम नन्हीं बुनियादें हो
दुनिया के नए विधान की
बच्चों तुम तकदीर हो

दीन धरम के नाम पे कोई बीज फूट का बोए ना
जो सदियों के बाद मिली है वो आज़ादी खोए ना
हर मज़हब से ऊँची है हर मज़हब से ऊँची है
क़ीमत इन्सानी जान की बच्चों तुम तकदीर हो
फिर कोई जयचन्द न उभरे फिर कोई जाफ़र न उठे
ग़ैरों का दिल ख़ुश करने को अपनों पर खंज़र न उठे
धनदौलत के लालच में धनदौलत के लालच में
तौहीन न हो ईमान की बच्चों तुम तकदीर हो
नारी को इस देश ने देवी कह कर दासी जाना है
जिसको कुछ अधिकार न हो वो घर की रानी माना है
तुम ऐसा आदर मत लेना तुम ऐसा आदर मत लेना
आड़ हो जो अपमान की बच्चों तुम तकदीर हो
रह न सके अब इस दुनिया में युग सरमायादारी का
तुमको झंडा लहराना है मेहनत की सरदारी का
तुम चाहो तो बदल के रख दो तुम चाहो तो बदल के रख दो
क़िस्मत हर इन्सान की बच्चों तुम तकदीर हो
कल के हिंदुस्तान की
बापू के वरदान की नेहरु के अरमान की
बच्चों तुम तकदीर हो

Curiosités sur la chanson Bachcho Tum Taqdeer Ho Kal Ke de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Bachcho Tum Taqdeer Ho Kal Ke” de Mohammed Rafi?
La chanson “Bachcho Tum Taqdeer Ho Kal Ke” de Mohammed Rafi a été composée par Sahir Ludhianvi.

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