Ban Ki Lataon Mujhe Batao
राम कहाँ, राम कहाँ
वन की लताओं मुझे बताओ
मेरे प्रभु श्री राम कहाँ
राम कहाँ, राम कहाँ
कब तक दर्श को तरसेंगी ये
विकल हमारी दो अंखिया
हम तो ऐसे पिर बन गये
टूट गयी जिनकी पखिया
वन की हवओ तुम ही बताओ
मेरे प्रभु श्री राम कहाँ
राम कहाँ, राम कहाँ
तुम रे दरश बिन ये नैना
प्रभु कहाँ तक तरसेंगे
बादल सावन मे बरसे ये
बारो मास ही बरसेंगे
दसो दिशाओ तुम ही बताओ
मेरे प्रभु श्री राम कहाँ
राम कहाँ, राम कहाँ राम कहाँ
प्रश्न भी मेरा राम कहाँ
उत्तर भी तो मिलता राम कहाँ
क्यू हँसी उड़ाती प्रति ध्वनि
क्यू हँसी उड़ाती प्रति ध्वनि
कोई तो बताए राम कहाँ
राम कहाँ, राम कहाँ, राम कहाँ