Banjara Hoon Main

PRADEEP, C. ARJUN

बंजारा हू में
किसी का प्यारा हू

बंजारा हू में किसी का प्यारा हू में
हो वक़्त का मारा हू
बंजारा हू में किसी का प्यारा हू मे
हो वक़्त का मारा हू
मिलके बिछड़ गयी आँख जो मुझसे
मिलके बिछड़ गयी आँख जो मुझसे
में उस आँख का तारा हू
बंजारा हू में किसी का प्यारा हू में
हो वक़्त का मारा हू

इस नगरी मे में तो लोगो
आ गया रमता रमता रे
आ गया रमता रमता
मुझे बता दो इस बस्ती मे
कहा मिलेगी ममता रे
कहा मिलेगी ममता
अपने ही घर की राह जो भुला
अपने ही घर की राह जो भुला
में वो राही बेचारा हू
बंजारा हू में किसी का प्यारा हू में
हो वक़्त का मारा हू

सारे नज़ारे मुझसे रूठे
जुदा हुई हर ज्योति रे
जुदा हुई हर ज्योति
एक दिन टूटी थी जो माला
में हू उसका मोती रे
में हू उसका मोती
जिसको नसीबा यहा ले डूबा
जिसको नसीबा यहा ले डूबा
में वो एक दुखियारा हू
बंजारा हू में किसी का प्यारा हू में
हो वक़्त का मारा हू

Curiosités sur la chanson Banjara Hoon Main de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Banjara Hoon Main” de Mohammed Rafi?
La chanson “Banjara Hoon Main” de Mohammed Rafi a été composée par PRADEEP, C. ARJUN.

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