Chal Ud Jare Panchhi

CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN

चल उड़ जा रे पंछी
चल उड़ जा रे पंछी
की अब ये देश हुआ बेगाना
चल उड़ जा रे पंछी

भूल जा अब वो मस्त
हवा वो उडना डाली डाली
भूल जा अब वो मस्त
हवा वो उडाना डाली डाली
जग की आँख का काटा बन गई चाल तेरी मतवाली
कौन भला उस बाग़ को पूछे
कौन भला उस बाग़ को पूछे हो ना जिसका मालि
तेरी क़िस्मत में लिखा
है जीते जी मर जाना
चल उड़ जा रे पंछी
की अब ये देश हुआ बेगाना
चल उड़ जा रे पंछी

रोते है वो पंख पखेरू साथ तेरे जो खेले
रोते है वो पंख पखेरू साथ तेरे जो खेले
जिन के साथ लगाए
तूने अरमानो के मेले
भीगी आँखों से ही उनकी आज दुआए ले ले
किसको पता अब इस
नगरी में कब हो तेरा आना
चल उड़ जा रे पंछी
की अब ये देश हुआ बेगाना
चल उड़ जा रे पंछी

आ आ आ आ
आ आ आ आ हो हो हो हो हो हो हो हो

Curiosités sur la chanson Chal Ud Jare Panchhi de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Chal Ud Jare Panchhi” de Mohammed Rafi?
La chanson “Chal Ud Jare Panchhi” de Mohammed Rafi a été composée par CHITRAGUPTA, RAJINDER KRISHAN.

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