Chehre Pe Girin Zulfen

Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

चेहरे पे गिरी ज़ूलफे कह दो तो हटा दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़
इक फूल तेरे जुड़े मे कह दो तो लगा दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़

ये रूप, हसी धूप, बहुत खूब है लेकिन
उलफत के बिना फीका चेहरा तेरा रागिन
ये रूप, हसी धूप, बहुत खूब है लेकिन
उलफत के बिना फीका चेहरा तेरा रागिन
इक दीप मुहब्बत का, कह दो तो जला दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़
चेहरे पे गिरी ज़ूलफे कह दो तो हटा दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़

इक आग, लगी है, मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर मे
ये कैसा करिश्मा है तेरी शोख नज़र मे
इक आग, लगी है, मेरे ज़ख़्म-ए-जिगर मे
ये कैसा करिश्मा है तेरी शोख नज़र मे
जो बात रुकी लब पर, कह दो तो बता दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़
चेहरे पे गिरी ज़ूलफे कह दो तो हटा दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़

सरकार, हुआ प्यार, ख़ाता हमसे हुई है
अब दिल मे तुम ही तुम हो, ये जान भी तेरी है
सरकार, हुआ प्यार, ख़ाता हमसे हुई है
अब दिल मे तुम ही तुम हो, ये जान भी तेरी है
अब चिर के इस दिल को कह दो तो दिखा दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़
चेहरे पे गिरी ज़ूलफे कह दो तो हटा दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़
इक फूल तेरे जुड़े मे कह दो तो लगा दूं मैं
गुस्ताख़ी माफ़, गुस्ताख़ी माफ़

Curiosités sur la chanson Chehre Pe Girin Zulfen de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Chehre Pe Girin Zulfen” de Mohammed Rafi?
La chanson “Chehre Pe Girin Zulfen” de Mohammed Rafi a été composée par Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan.

Chansons les plus populaires [artist_preposition] Mohammed Rafi

Autres artistes de Religious