Chirag Dil Ka Jalao

Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan

चिराग दिल का जलाओ बहुत अंधेरा है
चिराग दिल का जलाओ बहुत अंधेरा है
कही से लौट के आओ बहुत अंधेरा है
चिराग दिल का जलाओ बहुत अंधेरा है

कहा से लाओ कहा से लाओ
वो रंगत गयी बहारो की
कहा से लाओ वो रंगत गयी बहारो की
तुम्हारे साथ गयी रोशनी नज़ारो की
मुझे भी पास बुलाओ बहुत अंधेरा है
चिराग दिल का जलाओ बहुत अंधेरा है

सितारो तुम से अंधेरे कहा संभलते है
सितारो तुम से अंधेरे कहा संभलते है
उन्ही के नक्शे क़दम से चिराग जलते है
उन्ही को ढूँढ के लाओ बहुत अंधेरा है
चिराग दिल का जलाओ बहुत अंधेरा है
कही से लौट के आओ बहुत अंधेरा है
चिराग दिल का जलाओ बहुत अंधेरा है
बहुत अंधेरा है, बहुत अंधेरा है

Curiosités sur la chanson Chirag Dil Ka Jalao de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Chirag Dil Ka Jalao” de Mohammed Rafi?
La chanson “Chirag Dil Ka Jalao” de Mohammed Rafi a été composée par Majrooh Sultanpuri, Madan Mohan.

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