Chup Chup Apni Jaan Pe

Laxmikant Pyarelal, Sahir Ludhianvi

चुप चुप अपनी जान पे
सह जा दुनिया का अन्याय
कोई नहीं इस धरती पर
जो तेरा दर्द बताये

सीता के लिए लिखा है यही
हर युग में अगनि परीक्षा दे
सीता के लिए लिखा है यही
हर युग में अगनि परीक्षा दे
दुःख सह के भी मुख से कुछ न कहे
मन को धीरज की शिक्षा दे
सीता के लिए लिखा है यही

गैरो के कड़वे बोल सुने
अपनों का अत्याचार सहे
गैरो के कड़वे बोल सुने
अपनों का अत्याचार सहे
जिस राम के संग बन बन भटके
उस राम के भी दुत्कार सहे
धरती में सामने से पहले
धरती में सामने से पहले
धरती की तरह हर बार सहे
सीता के लिए लिखा है यही

पुरुषो की बनाई दुनिया में
क्या इक नारी का मान बचे
पुरुषो की बनाई दुनिया में
क्या इक नारी का मान बचे
जिस जहर से राम का मन ना बचा
उस जहर से क्या इंसान बच्चे
जो रीत युगों से जारी है
जो रीत युगों से जारी है
उस रीत से कैसे जान बचे
सीता के लिए लिखा है यही

इस अंधी बहरी नगरी में
जब जब सीता को आना है
इस अंधी बहरी नगरी में
जब जब सीता को आना है
जीतेजी कष्ट उठाना
मरने पे सती कहलाना है
मरने पे सती कहलाना है
इतिहास के पन्नो को सदियो
इतिहास के पन्नो को सदियो
युही ये कथा दोहराना है
सीता के लिए लिखा है यही
हर युग में अग्नि परीक्षा दे
दुःख सह के भी मुख से कुछ न कहे
मन को धीरज की शिक्षा दे
सीता के लिए लिखा है यही

Curiosités sur la chanson Chup Chup Apni Jaan Pe de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Chup Chup Apni Jaan Pe” de Mohammed Rafi?
La chanson “Chup Chup Apni Jaan Pe” de Mohammed Rafi a été composée par Laxmikant Pyarelal, Sahir Ludhianvi.

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