Dil-E-Betaab Ko Seene Se Lagana

Naushad, Shakeel Badayuni

दिल ए बेताब को सीने से लगाना होगा
आज पर्दा है तो कल सामने आना होगा

आपको प्यार का दस्तूर निभाना होगा
दिल झुकाया है तो सर को भी झुकाना होगा
दिल ए बेताब को सीने से लगाना होगा

अपनी सूरत को तु ऐ जान ए वफ़ा यूँ न छुपा
गर्मी ए हुस्न से जल जाये न आँचल तेरा
लग गई आग तो मुझ को ही बुझाना होगा

दिल झुकाया है तो सर को भी झुकाना होगा
दिल ए बेताब को सीने से लगाना होगा

आज आलम है वो दिल का कि बताये न बने
पास आये न बने दूर भी जाये न बने
मैँ हूँ मदहोश मुझे होश में लाना होगा

आज पर्दा है तो कल सामने आना होगा
आपको प्यार का दस्तूर निभाना होगा

आप तो इतने क़रीब आ गये अल्लाह तौबा
क्या करें आप से टकरा गये तौबा तौबा
इश्क़ इन बातों से रुस्वा ए ज़माना होगा
दिल ए बेताब को सीने से लगाना होगा

Curiosités sur la chanson Dil-E-Betaab Ko Seene Se Lagana de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Dil-E-Betaab Ko Seene Se Lagana” de Mohammed Rafi?
La chanson “Dil-E-Betaab Ko Seene Se Lagana” de Mohammed Rafi a été composée par Naushad, Shakeel Badayuni.

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