Dil Ki Baazi Jeet Ke Bhi Haare

Hasrat Jaipuri, Sardar Malik

दिल की बाज़ी जीत के भी हारे
हो गये इस तरहा प्यार के इशारे
दिल की बाज़ी जीत के भी हारे
हो गये इस तरहा प्यार के इशारे
दिल की बाज़ी जीत के भी हारे

देख कर किसी को होश खो गये
एक नज़र में हम किसी के हो गये
हाए रे वो सामना दिल पड़ा है थमना
फिर रहे है आँख में नज़ारे
दिल की बाज़ी जीत के भी हारे
हो गये इस तरहा प्यार के इशारे

दिल की बाज़ी जीत के भी हारे
जब से नाचे वो तो झूमे ज़िंदगी
उसके हर कदम पे बज़े रागिनी
एक पारी जमाल है ऐसी मस्त चल है
जैसे मोरनी के हो इशारे
दिल की बाज़ी जीत के भी हारे
हो गये इस तरहा प्यार के इशारे
दिल की बाज़ी जीत के भी हारे

याद उसकी ज़िंदगी के साथ है
उसकी हर अदा में एक बात है
प्यार की किताब है वो तो लाजवाब है
जो भी देखे जान अपनी वेर
दिल की बाज़ी जीत के भी हारे

Curiosités sur la chanson Dil Ki Baazi Jeet Ke Bhi Haare de Mohammed Rafi

Quand la chanson “Dil Ki Baazi Jeet Ke Bhi Haare” a-t-elle été lancée par Mohammed Rafi?
La chanson Dil Ki Baazi Jeet Ke Bhi Haare a été lancée en 1960, sur l’album “Dil Ki Baazi Jeet Ke Bhi Haare”.
Qui a composé la chanson “Dil Ki Baazi Jeet Ke Bhi Haare” de Mohammed Rafi?
La chanson “Dil Ki Baazi Jeet Ke Bhi Haare” de Mohammed Rafi a été composée par Hasrat Jaipuri, Sardar Malik.

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