Dil Zakhmon Se Choor

Sarshar Sailani

ओ ओ
दिल जख्मों से चूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ प्यार की मंज़िल दूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ दिल जख्मों से चूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ ओ
ओ ओ ओ
प्यार बढा के छोड़ दिया क्यूँ
ओ ओ प्यार बढा के छोड़ दिया क्यों
आस भरा दिल तोड़ दिया क्यों
आस भरा दिल तोड़ दिया क्यों
ज़ख्म हुए नासूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ प्यार की मंज़िल दूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ दिल जख्मों से चूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ ओ
ओ ओ ओ
प्यार किसी से करने वाले
ओ ओ प्यार किसी से करने वाले
प्यार की राह में मरने वाले
प्यार की राह में मरने वाले
होते हैं मजबूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ दिल जख्मों से चूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ प्यार की मंज़िल दूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ ओ
ओ ओ ओ
बीती बातें याद करेंगें
ओ ओ बीती बातें याद करेंगें
जीते जी फ़रियाद करेंगे
जीते जी फ़रियाद करेंगे
रहकर तुझसे दूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

ओ ओ प्यार की मंज़िल दूर
मगर तू क्या जाने
मगर तू क्या जाने

Curiosités sur la chanson Dil Zakhmon Se Choor de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Dil Zakhmon Se Choor” de Mohammed Rafi?
La chanson “Dil Zakhmon Se Choor” de Mohammed Rafi a été composée par Sarshar Sailani.

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