Duniya Ki Halat Naram Naram

Ghulam Mohammed

दुनिया की हालत नरम नरम
दुनिया की हालत नरम नरम
हलवा छोडो पूरी छोडो
भजिये खालो गरम गरम
ओ दुनिया की हालत नरम नरम

तूने भी मुफ्त की खाई है
क्या तू भी मेरा भाई है
ओ क्या तू भी मेरा भाई है
मेरी ही तरह होंगे Mr
तेरे पिछले जन्म के करम करम
ओ मुन्ना पिछले जनम के करम करम
दुनिया की हालत नरम नरम
हलवा छोडो पूरी छोडो
भजिये खालो गरम गरम
दुनिया की हालत नरम नरम

हम तुमको कहा से दे भिक्षा
ओ भैया जाकर के खीचो रिक्शा
हो मुन्ना जाकर के खीचो रिक्शा
मत देश पे अपने बोझ बना
है यही हमारा धर्म धर्म
है यही हमारा धर्म धर्म
दुनिया की हालत नरम नरम
हलवा छोडो पूरी छोडो
भजिया खालो गरम गरम
दुनिया की हालत नरम नरम

चार आने में इंसान बिके
दो आने में इमां बिके
चार आने में इंसान बिके
दो आने में इमां बिके

एक आने में भगवन बिके
ए दुनिया वालो shame shame shame
ए दुनिया वालो शर्म शर्म
दुनिया की हालत नरम नरम
दुनिया की हालत नरम नरम
हलवा छोडो पूरी छोडो
भजिये खालो गरम गरम है

Curiosités sur la chanson Duniya Ki Halat Naram Naram de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Duniya Ki Halat Naram Naram” de Mohammed Rafi?
La chanson “Duniya Ki Halat Naram Naram” de Mohammed Rafi a été composée par Ghulam Mohammed.

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