Ek Matwala Aaj Chala Apni Manzil Ko

Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan

एक मतवाला आज चला अपनी मंजिल को
एक मतवाला आज चला अपनी मंजिल को
किस्मत ने आसान किया है हर मुश्किल को

इन आँखों मे झूम रहे है सपने
गले मिलेंगे हैस हँस कर सब अपने
आज ये दिल पा लेगा अपनों की मेहफिल को
एक मतवाला आज चला अपनी मंजिल को
आ आ आ आ आ आ

जिसने इन आँखों को प्यार सिखाया
जिसने इन आँखों को प्यार सिखाया
जिसने प्यार का पहला गीत सुनाया
आज उनके कदमो पे रख दुंगा इस दिलको
एक मतवाला आज चला अपनी मंजिल को

तुफानों की गोद मे किस्मत खेली
खूब लड़ी मौजो से जान अकेली
चार कदम पर देख आ रहा हूँ अब साहिल को
एक मतवाला आज चला अपनी मंजिल को
किस्मत ने आसान किया है हर मुश्किल को

Curiosités sur la chanson Ek Matwala Aaj Chala Apni Manzil Ko de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Ek Matwala Aaj Chala Apni Manzil Ko” de Mohammed Rafi?
La chanson “Ek Matwala Aaj Chala Apni Manzil Ko” de Mohammed Rafi a été composée par Madan Mohan, Raja Mehdi Ali Khan.

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