Ek Taraf Hai Maa Ki Chhaya

Farooq Qaiser

एक तरफ है मा की छईया
एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो
बिछड़ रही है आज
राम लखन की जोड़ी देखो
बिछड़ रही है आज
राम लखन की जोड़ी देखो
बिछड़ रही है आज
एक तरफ है मा की छइया
एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो
बिछड़ रही है आज

टूट गया है पल दो पल में
सारी उमर का नाता
लूट गयी पुँगी मिट गया कोई
देख रहा है दाता
देख रहा है दाता
उस आँगन को छ्चोड़ चला
क्यू जिस पे किया राज़
एक तरफ है मा की छइया
एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो
बिछड़ रही है आज

अपने लहू से जिस को सिचा
कटा उस फुलवारी को
आग लगा दो दुनिया वालो
ऐसी दुनिया दारी को
ऐसी दुनिया दारी को
चुपके चुपके रोए माली
भाग हुआ खराब
एक तरफ है मा की च्चाया
एक तरफ है ताज
राम लखन की जोड़ी देखो
बिछड़ रही है आज

Curiosités sur la chanson Ek Taraf Hai Maa Ki Chhaya de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Ek Taraf Hai Maa Ki Chhaya” de Mohammed Rafi?
La chanson “Ek Taraf Hai Maa Ki Chhaya” de Mohammed Rafi a été composée par Farooq Qaiser.

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