Haal Dekha Jo Beqararon Ka

IQBAL, SABA AFGHANI

आ आ आ आ
आ आ आ आ
हाल देखा जो बेक़रारों का
हाल देखा जो बेक़रारों का
दिल अरजने लगा सितारों का

गुल महकते नहीं, दहकते हैं
गुल महकते नहीं, दहकते हैं
कौनसा रुख़ है ये बहारों का
कौनसा रुख़ है ये बहारों का

सिलसिला राएगाँ नहीं जाता
आ आ आ आ
आ आ आ आ
दिल की बेसाख़्ता पुकारों का
दिल की बेसाख़्ता पुकारों का

अश्क आँखों से अब नहीं रुकते
अश्क आँखों से अब नहीं रुकते
क्या भरोसा है राज़दारों का
क्या भरोसा है राज़दारों का
आ आ आ आ

Curiosités sur la chanson Haal Dekha Jo Beqararon Ka de Mohammed Rafi

Qui a composé la chanson “Haal Dekha Jo Beqararon Ka” de Mohammed Rafi?
La chanson “Haal Dekha Jo Beqararon Ka” de Mohammed Rafi a été composée par IQBAL, SABA AFGHANI.

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